गोडजिल्ला 1 फिल्म की कहानी - Story of Godzilla 1 in Hindi

गोडजिल्ला फिल्म की कहानी 

दोस्तों आज मैं जिस फिल्म की स्टोरी बताने वाली हूँ उसका नाम है "गोडजिल्ला 1 फिल्म की कहानी - Story of Godzilla 1 in Hindi".

गोडजिल्ला 1 फिल्म की कहानी - Story of Godzilla 1 in Hindi


मूवी की स्टार्ट में ही हमें कुछ साल पहले का सिन दिखाया जाता है जहाँ पर कुछ वर्कर्स एक माइन में काम कर रहे होते हैं। उन पर नजर रखने के लिए एक डॉक्टर भी वहाँ होता है जिसे एक आदमीं बताता है कि काम के दौरान वर्कर्स को यहाँ कुछ रेडिएशन महसूस हुई और उन्हें लगा कि सायद यहाँ यूरेनियम हैं और वह बहुत खुश हो गए। उन्होंने बड़ी-बड़ी मशीने बुलाई और काम शुरू कर दिया।

 
दूसरी तरफ जापान में हमें एक साइंटिस्ट  दिखाया जाता है जो की फ़ोन पर कीसी से बात कर रहा था कि जिस जगह से वह जानवर निकला था वहाँ से अर्थक्वेक (भूकंप) होता यहाँ आ रहा है। उसका उस जगह एक प्लांट होता है। वह कहता है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो मुझे तो अपना प्लांट खत्म करना पड़ेगा। तभी उसकी वाइफ आती है और वह अपनी वाइफ और बेटे फोर्ड को लेकर वहाँ से चला जाता है। वह अपनी वाइफ से कहता है कि यह जो भूकंप के झटके आ रहे हैं यह मुझे कोई अच्छी बात नहीं लग रही तो तब तक तुम मेरे प्लांट के पास मेरे कुछ टीम के साथ रहोगी। 

फिर हमें वहीं साइंटिस्ट एक लैब में दिखाया जाता है जो कि पता लगा रहा था कि यह भूकंप के झटके आ कहाँ से रहे हैं। लेकिन उनमे से किसी को कुछ पता नहीं चल रहा था। तो वह कहता है कि सब मशीनेरिस ऑफ़ कर दी जाए क्यूंकि हम नहीं जानते कि यह झटके किस चीज़ के हैं और कहिं यह हमें नुकसान न पॅहुचा दे। इसी के साथ वहाँ फिरसे भूकंप होने लगता है और साइंटिस्ट की वाइफ भी वहाँ आ जाती है। वह वहाँ से भागने लगती है और केबिन में ब्लास्ट होने की बजह से एक जहरीली गैस उसकी तरफ बढ़ने लगती है। साइंटिस्ट अपनी वाइफ को बचाने के लिए आगे बढ़ता है। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और गैस पूरी तरह से केबिन में फैलने लगी थी। तो उसकी वाइफ उससे कहती है कि दरवाजा बंद कर दो इससे पहले की यह गैस यहाँ तक पहुँच जाए और न चाहते हुए भी साइंटिस्ट को वह दरवाज बंद करना पड़ता है। उसके बाद वह काफी उदास हो जाता है क्यूंकि उसकी वाइफ अंदर रह गई थी। उसकी वाइफ उससे कहती है कि हमारे बेटे फोर्ड का ख्याल रखना और इसी के साथ रेडिएशन की बजह से पूरा का पूरा प्लांट तबाह हो जाता है। फोर्ड भी यह सब अपने स्कूल से देख रहा था। 

इसके बाद हमें 15 साल बाद का वक्त दिखाया जाता है। फोर्ड अब एक फौजी बन चूका था और कुछ महीने की ट्रेनिंग के बाद वह अपने घर वापस आया था। फोर्ड की शादी हो चुकी थी। उसके बाद उसकी उसकी वाइफ का कॉल आता है और कहती है कि फोर्ड के डैड को पुलिस ने पकड़ लिया है। फोर्ड अपने डैड से नफरत किया करता था क्यूंकि वह समझता था कि उसकी मदर की डेथ उसके डैड की बजह से हुई है। लेकिन उसकी वाइफ के कहने पर वह अपने डैड से मिलने चला जाता है और जाकर अपने डैड को पुलिस से छुड़वा लेता है। फिर वह दोनों घर आ जाते हैं और उसका डैड उससे कहता है कि बेटा वह एक एक्सीडेंट नहीं था बल्कि उसके पीछे कुछ रेडिएशन थी और सेम चीज़ हम अभी भी फील कर रहे हैं और वह इसलिए अरेस्ट हुआ था क्यूंकि वह उस जगह पर गया था जहाँ पर पुलिस ने जाने से मना किया था। 

फिर वह बताता है की मेरे दोस्त ने भी वौइस् फ्रीक्वेंसी नोट की है यानि वहाँ पर से अजीबो गरीब आवाजे आती हैं तो मुझे वहाँ पर जाकर देखना होगा और यह साबित करना होगा कि उस दिन प्लांट पर जो ब्लास्ट हुआ था वह कोई एक्सीडेंट नहीं था। इसके बाद फोर्ड भी अपने फादर के साथ वहाँ पर जाता है और वह लोग वहाँ पर नोट करते हैं कि वहाँ पर कोई जहरीली गैस या रेडिएशन नहीं थी। कुछ देर बाद वहाँ पुलिस फिरसे आ जाती है और उन दोनों को पकड़कर अपने साथ ले जाती है और वहाँ पर वहीं डॉक्टर, जिसके बारे में फिल्म के पहले बात किया गया था वह भी होता है। वह सब साइंटिस्ट से पूछते हैं कि आखिर तुम बार-बार उस जगह पर क्यों जाते हो? तो वह सब कुछ बताने लगता है जो वह करना चाहता था।  डॉक्टर यह सुनकर बहुत हैरान होते हैं क्यूंकि इतनी सारी इनफार्मेशन तो उसे भी नहीं पता थी। 

वह डॉक्टर वहाँ एक बहुत बड़ी पत्थर जैसी चीज़ पर कुछ एक्सपेरिमेंट्स कर रहे थे। अचानक वह पत्थर हिलने लगता है तो वह लोग उस पर बिजली फेंकते है यानि इलेक्ट्रिक शॉक देते हैं जिससे की वह पत्थर टूट जाता है और उसके अंदर से एक बहुत बड़ा जानवर बाहर आता है। वह जानवर बहुत ही ज़्यादा बड़ा था और लोगों पर बिजली जैसी कोई चीज़ फेंक रहा था। फिर वह जानवर खुदको प्लांट से आज़ाद करवाकर वहाँ से उड़ जाता है। 

अगले दिन कप्तान आते हैं और डॉक्टर को अपने साथ जाने को कहते हैं। डॉक्टर अपने साथ साइंटिस्ट और फोर्ड को भी ले लेता है। लेकिन इस घटना में साइंटिस्ट काफी जख्मी हो गया था। वहाँ पर जाकर उनका हेड उन्हें बताता है कि यह जानवर कोई आम जानवर नहीं है। जब जमीन की रेडिएशन कम होती गई तो यह समुंदर की गहराइयों में चला गया ताकि यह वहाँ से अपनी एनर्जी ले सके। वह बताते हैं कि हमारे कंपनी को भी उसे ढूंढने के लिए बनाया गया था। वह आज तक नहीं मिला और उसका नाम गोडजिल्ला था और यह यही जानवर था जिसे लोग भूकंप समझ रहे थे और वह चलता-चलता जापान के एक प्लांट में आ गया क्यूंकि उसे एक ऐसी जगह चाहिए थी जहाँ से वह बहुत सारी एनर्जी एक साथ ले पाता। 

उसके बाद हमें दिखाया जाता है कि साइंटिस्ट की वहाँ पर डेड हो जाती है और वह सब लोग काफी परेशान हो जाते हैं कि आज तो साइंटिस्ट मरा है कल को कोई और भी मर सकता हैं। अचानक वहाँ पर हेड का कॉल आता है कि समुंदर से अजीबो गरीब रेडिएशन आ रही है और उन्हें पता चलता है कि वह जानवर वहीं पर मौजूत है। वह वहाँ पर नुक्लेअर बोम खा रहा था क्यूंकि उसे एनर्जी चाहिए थी। लेकिन इसके साथ-साथ उन्हें किसी और चीज़ की भी सिग्नल्स मिल रहे थे। वहाँ पर कुछ लोग भेजे गए थे जो देखते हैं की समुंदर में एक बहुत बड़ा जानवर बाहर आ रहा है। वह दरहसल वहीं खतरनाक जानवर था जो अब शहर में आ चूका था। सब लोग उससे बहुत डर रहे थे और उसी के साथ हमें गोडजिल्ला दिखाया जाता है जो की गुस्से से चिल्ला रहा था। 

गोडजिल्ला 1 फिल्म की कहानी - Story of Godzilla 1 in Hindi


 अगले दिन टीवी पर न्यूज़ आती है कि वह जानबर गोडजिल्ला से बचकर भाग गया। अब वह खतरनाक जानवर समुंदर में जाकर अपने साथ और भी जानवरों को ले आ रहा। डॉक्टर की टीम मेंबर कहती है कि बहुत टाइम पहले हमें दो अंडे मिले थे। एक अंडे में से एक जानवर निकलकर जापान के उसी प्लांट पर चला गया था और हम नहीं जानते की दूसरे अंडे का क्या हुआ? उसे एक जगह पर सेफली रखवा दिया गया था। जब कुछ लोगों को वहाँ देखने के लिए भेजा जाता है तो वह लोग देखते हैं कि अंडे में से वह जानवर निकलकर कहीं जा चूका है। पता चलता है कि यह दूसरा अंडा उसी खतरनाक जानवर का था और वह उसमे से निकलकर किसी और शहर में जाकर तबाहीयां मचा रहा था। इन दोनों को पुलिस ढूंढने लगती है। 

फिर हमें दिखाया जाता है कि डॉक्टर टीवी पर दूसरे जानवर की फुटेज देख रहे होते हैं। वहाँ पर वह नोट करते हैं कि इस जानवर के तो पर ही नहीं है जैसे पहले जानवर के थे। फिर सर्च करने पर उन्हें पता चलता है की यह जानवर फीमेल है और पहला जानवर मेल था। अब क्यूंकि फोर्ड भी एक फौजी था तो उसे आर्मी के साथ हर जगह भेज दिया जाता है कि वह अन्य जानवरों को रोक सके।

 दूसरी तरफ हमें कप्तान बताता है कि वह जानवर बहुत तबाही कर रहे हैं। तो हेड उनसे कहता है कि हमें इन्हे एक बहुत ही खतरनाक बोम से उड़ाना पड़ेगा। तो कप्तान कहता है कि इससे तो उन्हें बहुत फ़ायदा होगा क्यूंकि उन्हें एनर्जी चाहिए और इससे वह और ज़्यादा स्ट्रांग होंगे। फिर हेड कहता है कि हम इसके सीबाई कर भी क्या सकते हैं? रिस्क तो लेना होगा। वह दोनों जानवर अपनी एनर्जी रिस्टोर करने के लिए यानि रेडिएशन को खुद में फील करने के लिए एक समुंदर में जा रहे थे क्यूंकि समुंदर की गहराई से उन्हें बहुत सारी रेडिएशन मिली और गोडजिल्ला दूसरी तरफ उन्हें मारने के लिए आ रहा था। तो यह सब लोग भी उसी समुंदर की ओर बढ़ते हैं और वह नुक्लेअर बॉम भी अपने साथ रख लेते हैं। फोर्फ़ उनके ऊपर नजर रखे हुए था। उन लोगों ने बॉम एक पोर्ट पर रखा हुआ था। 

इसके बाद वह जानवर जो की मेल था, उस पोर्ट में आकर अटैक कर देता है और वह नुक्लेअर बॉम उठाकर वहाँ से चला जाता है। अब वह दोनों जानवर उस बॉम को लेकर वहाँ से दूर चले गए थे क्यूंकि उन्हें वह चीज़ मिल गई जिससे उन्हें बहुत सारी एनर्जी मिल गई थी। आर्मी का और हेड का यह प्लान अब पूरी तरह जाया हो चूका था। वह लोग सोचते हैं कि हमसे तो कुछ नहीं हो पाएगा सायद गोडजिल्ला हम सबकी जान बचाले। फिर हमें दिखाया जाता है कि वह जानवर शहर में बहुत तबाही मचा रहे थे। लेकिन लकीली गोडजिल्ला भी वहां पहुँच जाता है और आर्मी भी वहीं पर थी।  

फिर हमें दिखाया जाता है कि गोडजिल्ला एक जानवर के पास आ जाता है और यह लोग लड़ने लगते है। यह बहुत ही बड़े थे और लड़ते-लड़ते बहुत चीज़े तबाह कर रहे थे। सब लोग पीछे हट जाते हैं। यहाँ पर अभी सिर्फ मेल जानवर ही मौजूत था इसलिए गोडजिल्ला उनसे आसानी से लड़ पा रहा था और वह उसे मारने ही वाला होता है कि पीछे से फीमेल जानवर आकर उस पर अटैक कर देती है और अब गोडजिल्ला इन दोनों से अकेले लड़ रहा था। यहाँ पर गोडजिल्ला के लिए उन दोनों से लड़ना बहुत मुश्किल हो रहा था। 

दूसरी तरफ हम देखते हैं कि आर्मी को अंडरग्राउंड यानि जमीन के निचे घोंसले में बहुत अंडे मिलते हैं जो की फीमेल जानवर ने दिए थे और गोडजिल्ला के लिए दोनों को मारना बहुत मुश्किल था। आर्मी वहाँ पर एक बॉम पर टाइमर लगाकर बाहर आ जाती है और जल्द ही वह बॉम ब्लास्ट हो जाता है और सबके सब अंडे उसमे हट जाते हैं। जब मेल और फीमेल दोनों जानवर यह देखते हैं तो उन्हें अपने अंडो की फ़िक्र होने लगती है और वह दोनों गोडजिल्ला को छोड़कर अंडो की तरफ भागते हैं। उस धमाके से गोडजिल्ला को यह फ़ायदा हुआ कि उस धमाके के रेडिएशन्स गोडजिल्ला में एनर्जी की तरह जाने लगी और उसने वहीं एनर्जी यूज़ करके अपने मुँह से उन दोनों जानवरो पर फेंकी। अब गोडजिल्ला काफी स्ट्रांग हो चूका था और वह दोनों जानवरों से पूरी ताकत से लड़ रहा था। फिर गोडजिल्ला मेल जानवर को मार देता है। यह देखकर फीमेल जानवर को काफी गुस्सा आता है और उसे इस बात का भी गुस्सा था कि आर्मी ने उसके अंडो को मार दिया। 

फिर वह फोर्ड की तरफ बढ़ती है। लेकिन गोडजिल्ला उसे पीछे से आकर पकड़ता है और उसका मुँह खोलकर अपने मुँह से सारी की सारी रेडिएशन्स उसके अंदर डाल देता है जिसकी बजह से उसे बहुत दर्द होने लगता है और वह मर जाती है। फोर्ड भी काफी जख्मी हो चूका था और आर्मी उसे ठीक करने के लिए वहाँ से ले जाती है। अगले दिन हमें गोडजिल्ला दिखाया जाता है। लोग समझ रहे थे कि वह मर चूका है। लेकिन वह थक चूका था और अपनी आँखें बंद करके लेटा हुआ था। फिर अचानक वह उठता है और वापस समुंदर में जाने के लिए चलने लगता है। वह इन फैक्ट यहाँ पर किसी को कोई नुकसान पहुँचाने नहीं आया था। उसकी दुश्मनी तो बस उन खतरनाक जानवरों से थी। अब जैसा की गोडजिल्ला ने उन्हें मार दिया दिया तो वापस वह समुंदर में चला जाता। है फिर देखते हैं कि फोर्ड भी अपनी वाइफ और बेटे के पास चला गया था और सब कुछ पहले की तरह हो चूका था। 

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